कुँए का मेंढक और मछली | Motivational Story

कुँए का मेंढक और मछली 
एक बार एक मछुआरा समुद्र से एक मछली पकड़ता हैं और उसे पानी से भरी बाल्टी मे रख देता हैं ताकि उसे अपने बच्चो को दिखा सके. जब वो घर को जा रहा होता है तभी उसको ठोकर लगती है और उसकी मछली पास के कुए मे गिर जाती हैं. मछली ऊपर वाले को धन्यवाद देती हैं, तभी उसकी मुलाकात कुँए के मेढक
से होती है. कुछ समय बाद उन दोनों मे दोस्ती हो जाती है. एक दिन मेढक उससे पूछता है की उसका घर (समुद्र) कितना बड़ा था, मछली कहती है बहुत बड़ा था. मेढक अपने दोनों हाथ फैलाता है और कहता है - क्या इतना बड़ा था, वो कहती है नहीं इससे भी बहुत बड़ा था. फिर मेढक कहता है, क्या तेरा घर इस कुँए जितना बड़ा था? मछली बोलती है की इससे तो बहुत बड़ा था लेकिन मेढक  उसका विश्वास नहीं करता है और उससे कहता है की तू झूट बोल रही है. मछली उसे समझाने की कोशिश करती है और बोलती है, समुद्र इतना बड़ा होता है की जितना तुम सोच भी नहीं सकते। लेकिन मेढक उसकी बात नहीं मानता क्योंकि वो एक कुँए का मेढक था और उसने बाहर की दुनिया नहीं देखी थी. दोस्तों इस कहानी को लिखने का उद्देश यह है की जितना हम जानते है सिर्फ वही पूरा सच नहीं है. ज्ञान की कई सीमा नहीं है. आप जितना सीखते है उतना ज्यादा ज्ञान पाते है.  
       

No comments: